इंडस्ट्रियल एम्पायर मैगजीन में इस बार भारत की आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक, औद्योगिक बदलावों और भारत के विकास मॉडल का विजन है। इस महीने उन हकीकतों को छूते हैं, जो कभी गांवों, खेतों, छोटे कारोबारों और लोकल उद्योगों का संघर्ष थी और आज प्रेरक सफलता की कहानियाँ बन चुकी हैं।
भागलपुर के रेशम उद्योग, किशनगंज की चाय, यूपी के इथेनॉल मिशन और सूरत के टेक्सटाइल सेक्टर भारतीय उद्योग की धड़कन है। कभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, मशीनों और बाजार के दबाव से जूझ रहे ये उद्योग आज फिर से आत्मविश्वास के साथ खड़े हो रहे हैं। 5 रुपये को तरसने वाली महिला, 70 लाख का कारोबार खड़ा करती है, नमक से लेकर हवाई जहाज तक भारत के उद्योग जगत को रतन टाटा जैसे बिजनेस लीडर नई दिशा देते हैं।
इस अंक में देश की नई ऊर्जा यात्रा भी शामिल है जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन है। वहीं पीएलआई आधारित मैन्युफैक्चरिंग मिशन और यूपी की हीट वेव से ग्रीन वेव की यात्रा ने उत्तर प्रदेश के विकास और पर्यावरण संरक्षण को मजबूती प्रदान की है। नए श्रम कानूनों ने भविष्य के रोजगार, न्याय और समान अवसरों की नई नींव रखी है। कृषि और ग्रामीण भारत भी इस अंक की मुख्यधारा में है। इंटीग्रेटेड फार्मिंग, जैविक खेती और डेयरी के नए कोऑपरेटिव मॉडल किसानों को स्थायी आय और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। इसके साथ विंटर सीजन के नए बिजनेस आइडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म ग्रो व फिजिक्स वाला जैसे स्टार्टअप के बदलते निवेश बाजार में तेजी ला रहे हैं। भारत सिर्फ आगे नहीं बढ़ रहा बल्कि बदल रहा है, विकसित हो रहा है और अपनी नई पहचान गढ़ रहा है।
अगर आप उद्योग जगत से जुड़ी कोई राय देना चाहते हैं, तो Whatsapp करें 9116200951 या ईमेल भेजेंः industrialempireworld@gmail.com आपके सुझाव हमारे लिए अत्यंत मूल्यवान है, जो आगामी अंक को और बेहतर बनाने में सहायता करेंगे।
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