भारत के टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियां — रिलायंस जियो और भारती एयरटेल — ने अपने ग्राहकों के लिए 1GB रोज़ाना वाले शुरुआती स्तर के डेटा प्लान को बंद कर दिया है। इन कंपनियों के इस फैसले का सीधा असर करोड़ों मोबाइल यूज़र्स पर पड़ेगा, जिन्हें अब महंगे रिचार्ज करने होंगे।
इस फैसले को उद्योग जगत के जानकार कंपनियों की सोची-समझी रणनीति बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियां धीरे-धीरे अपने टैरिफ स्ट्रक्चर को इस तरह बदल रही हैं जिससे उन्हें एआरपीयू (औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता) बढ़ाने में मदद मिले और भविष्य में टैरिफ में 10–15% तक बढ़ोतरी का रास्ता तैयार हो सके।
क्यों बंद किए गए 1GB वाले प्लान?
सूत्रों के मुताबिक, 5G सेवाओं के लॉन्च के बाद यूज़र्स के डेटा खपत पैटर्न में तेजी से बदलाव आया है। पहले जहां 1GB रोज़ाना वाले प्लान की डिमांड अधिक थी, अब यूज़र्स ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं और स्वाभाविक रूप से बड़े डेटा पैक की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।
उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा — “5G सेवाओं के बाद से ही 1GB वाले प्लान की मांग कम होने लगी थी क्योंकि उपभोक्ता अधिक डेटा इस्तेमाल कर रहे हैं और अंततः बड़े पैक की ओर बढ़ते हैं।”
जियो का कदम
मंगलवार को रिलायंस जियो ने अपनी वेबसाइट, मायजियो ऐप और थर्ड पार्टी रिचार्ज पोर्टल से 249 रुपये वाले 28 दिन के वैधता प्लान को हटा दिया। इस प्लान में रोज़ाना 1GB डेटा मिलता था, लेकिन अब यह नए ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
हालांकि, पुराने ग्राहक फिलहाल जियो स्टोर्स पर यह रिचार्ज करवा सकते हैं। अब शुरुआती स्तर का प्लान ग्राहकों के लिए 299 रुपये प्रति माह से शुरू होगा, जिसमें रोज़ाना 1.5GB डेटा दिया जाएगा।
एयरटेल की रणनीति
जियो के तुरंत बाद भारती एयरटेल ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। एयरटेल का 249 रुपये वाला 1GB रोज़ाना वाला प्लान बुधवार से उपलब्ध नहीं होगा। अब ग्राहकों को कम से कम 279 रुपये खर्च करने होंगे जिसमें रोज़ाना 1.5GB डेटा मिलेगा।
अब वोडाफोन आइडिया की बारी?
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि जब मार्केट की दो सबसे बड़ी कंपनियां — जियो और एयरटेल — 1GB वाले प्लान को बंद कर रही हैं, तो तीसरी बड़ी कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) भी जल्द ही ऐसा कदम उठा सकती है।
वोडाफोन आइडिया पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबी हुई है और अपने वित्तीय प्रदर्शन को सुधारने के लिए एआरपीयू (ARPU) बढ़ाना चाहेगी। ऐसे में उसके लिए 1GB वाले सस्ते प्लान को जारी रखना मुश्किल होगा।
जानकार क्या कहते हैं?
पीडब्ल्यूसी इंडिया में दूरसंचार प्रैक्टिस के प्रमुख विनीश बावा ने कहा: “शुरुआती स्तर के प्लान को बंद करना और बड़े डेटा पैक की ओर शिफ्ट करना उपभोक्ताओं को ज्यादा खर्च करने के लिए प्रेरित करता है। यह कंपनियों की राजस्व बढ़ाने की रणनीति है।”
इक्रा रेटिंग एजेंसी के विश्लेषक अंकित जैन ने कहा: “टैरिफ को दोबारा समायोजित करना कंपनियों के लिए एआरपीयू सुधारने का तरीका है। लेकिन असली असर तब होगा जब कंपनियां बेसिक टैरिफ को ही बढ़ा देंगी। भविष्य में 10-15% तक की बढ़ोतरी की संभावना है।”
उपभोक्ताओं पर असर
- महंगा रिचार्ज – अब यूज़र्स को कम से कम 299 रुपये खर्च करने होंगे।
- अधिक डेटा – 1GB के बजाय रोज़ाना 1.5GB डेटा मिलेगा, लेकिन कीमत अधिक होगी।
- कम विकल्प – शुरुआती स्तर पर कम कीमत के रिचार्ज पैक खत्म हो जाएंगे।
- डिजिटल आदतों पर असर – जो ग्राहक सीमित इंटरनेट इस्तेमाल करते थे, उन्हें भी महंगे प्लान लेने होंगे।
आगे क्या?
उद्योग जगत मान रहा है कि टैरिफ संरचना में ये बदलाव भविष्य के टैरिफ हाइक के लिए आधार तैयार कर रहे हैं। संभावना है कि आने वाले महीनों में मुख्य टैरिफ में 10-15% की वृद्धि होगी। हालांकि, इसमें डेटा की उपलब्धता या वैधता में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इससे कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा और वे 5G नेटवर्क विस्तार एवं कर्ज अदायगी में सक्षम होंगी।