Marigold flower: खेती में मुनाफे की तलाश कर रहे किसानों के लिए गेंदा फूल एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है, जिसे आज “किसानों का ATM” कहा जा रहा है। धार्मिक कार्यों से लेकर शादी-ब्याह, सजावट और इत्र उद्योग तक गेंदा फूल की मांग पूरे साल बनी रहती है। अब इसी मांग को अवसर में बदलने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रबी सीजन 2025-26 में गेंदा फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘फूल (गेंदा) विकास योजना’ के तहत 8 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
बागवानी को बिजनेस बनाने की तैयारी
बिहार सरकार का फोकस अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर बागवानी आधारित कृषि को एक प्रॉफिटेबल बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित करने पर है। गेंदा फूल की खेती इसी रणनीति का अहम हिस्सा है। सरकार का मानना है कि फूलों की खेती कम समय में तैयार होती है, लागत कम लगती है और बाजार में तुरंत नकद बिक्री संभव होती है। यही वजह है कि रबी सीजन में गेंदा फूल की खेती को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
पूरे बिहार के किसान उठा सकते हैं लाभ
फूल (गेंदा) विकास योजना 2025-26 का लाभ बिहार के सभी 38 जिलों के किसान उठा सकते हैं। योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा, इसलिए इच्छुक किसानों को समय रहते आवेदन करना जरूरी है। इस योजना के तहत किसान के पास खेती योग्य जमीन होना अनिवार्य है। जिन किसानों के पास अपनी जमीन नहीं है, वे एकरारनामा के आधार पर भी योजना का लाभ ले सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज क्या होंगे
योजना के लिए आवेदन करते समय किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसमें LPC, अपडेटेड राजस्व रसीद, और अगर जमीन साझा या वंशानुगत है तो वंशावली प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। एकरारनामा का निर्धारित प्रारूप आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है, जिसे डाउनलोड कर आसानी से भरा जा सकता है।
कितनी जमीन पर मिलेगा लाभ
सरकार ने इस योजना के तहत खेती के क्षेत्र की सीमा भी तय की है।
न्यूनतम क्षेत्र: 0.1 हेक्टेयर
अधिकतम क्षेत्र: 2 हेक्टेयर
इसका मतलब यह है कि छोटे किसान भी इस योजना का लाभ लेकर गेंदा फूल की खेती शुरू कर सकते हैं।
गेंदा खेती पर 50% सीधी सब्सिडी
सरकार ने गेंदा फूल की खेती के लिए 80,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की इकाई लागत तय की है। इसमें से 50% यानी 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर किसानों को अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। यह राशि सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे खेती की शुरुआती लागत का बड़ा हिस्सा सरकार वहन करेगी।
परिवहन के लिए भी मिलेगी मदद
गेंदा फूल जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है, इसलिए समय पर बाजार तक पहुंचाना बेहद जरूरी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मालवाहक वाहन (Carriage Vehicle) पर भी अनुदान का प्रावधान किया है।
वाहन की अनुमानित लागत: 6,50,000 रुपये
अनुदान: 50% या अधिकतम 3,25,000 रुपये
हालांकि अनुदान वाहन की वास्तविक कीमत के 50% या तय सीमा, दोनों में से जो कम होगा, उसी आधार पर मिलेगा।
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन
इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक किसान बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। सभी जरूरी दस्तावेजों को एक ही PDF फाइल में अपलोड करना अनिवार्य होगा। चयन प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी, इसलिए देर करने पर मौका हाथ से निकल सकता है।
क्यों बन सकती है गेंदा खेती किसानों की कमाई का मजबूत जरिया
गेंदा फूल की खेती कम समय में तैयार होती है, बाजार में इसकी मांग स्थायी रहती है और कीमतों में उतार-चढ़ाव कम होता है। सरकार की सब्सिडी और परिवहन सहायता के साथ यह खेती किसानों के लिए स्थिर और भरोसेमंद आय का जरिया बन सकती है। सही समय पर आवेदन कर किसान इस योजना का पूरा फायदा उठा सकते हैं और अपनी खेती को मुनाफे का बिजनेस बना सकते हैं।