आज भारतीय शेयर बाजार में अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और तकनीकी फैक्टर्स ने बाजार को नीचे धकेल दिया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक 1% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए।
बाजार का हाल
बीएसई सेंसेक्स आज 82,571.67 पर मामूली बढ़त के साथ खुला लेकिन दिनभर के कारोबार में 992 अंक तक गिरा और अंततः 823.16 अंक या 1.00% की गिरावट के साथ 81,691.98 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी-50 ने 25,164 पर ओपनिंग की लेकिन भारी गिरावट के बाद 253.20 अंक या 1.01% टूटकर 24,888.20 पर बंद हुआ।
क्या थीं बाजार गिरावट की 3 प्रमुख वजहें?

1. निफ्टी वीकली डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी:
आज निफ्टी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की साप्ताहिक एक्सपायरी थी, जिसने बाजार में अस्थिरता बढ़ाई। पिछले दो सत्रों से निफ्टी में तेजी की कमी देखी जा रही थी। टेक्निकल एनालिस्ट्स का कहना है कि 24,900 से नीचे की गिरावट कमजोरी का संकेत देती है। विकल्प डेटा से पता चलता है कि निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।
2. मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल:
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के चलते बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल 4.3% उछलकर $69.77 प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 10 सप्ताह का उच्चतम स्तर है। इसके चलते वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ा, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
3. अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता:
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह 9 जुलाई से नए टैरिफ लागू करेंगे। चीन और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी ने निवेशकों में बेचैनी बढ़ा दी है। संभावित व्यापार युद्ध की आशंका से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखने को मिल रही है।

विश्लेषकों की राय
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट विष्णु कांत उपाध्याय ने कहा, “निफ्टी पहली बार 5 जून के बाद 25,000 के नीचे गिरा है। यह गिरावट वैश्विक तनाव और अनिश्चित मैक्रोइकोनॉमिक संकेतों की वजह से आई है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते टकराव से एक बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष हो सकता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हो सकती है।
वैश्विक संकेत कैसे रहे?
अमेरिकी शेयर बाजार में भी दबाव देखने को मिला। एसएंडपी 500 और नैस्डैक 100 फ्यूचर्स में 0.2% की गिरावट आई।
जापान का निक्केई 0.75% टूटा, जबकि कोरिया का कोस्पी 0.4% बढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का ASX200 सपाट कारोबार करता दिखा।
FIIs vs DIIs:
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को ₹446.31 करोड़ के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹1,584.87 करोड़ की खरीदारी की, जिससे यह साफ होता है कि घरेलू निवेशक अभी भी बाजार में विश्वास जता रहे हैं।