भारतीय ऐप मार्केट में पिछले कुछ हफ्तों से एक दिलचस्प जंग देखने को मिली देसी मैसेजिंग ऐप अरट्टई (Arattai), मेटा के WhatsApp और अमेरिका के एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी (Perplexity) के बीच। कुछ दिनों तक अरट्टई ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए व्हाट्सऐप को पीछे छोड़ दिया था, लेकिन अब एक बार फिर पुराने बादशाह व्हाट्सऐप ने अपनी बादशाहत कायम कर ली है। वहीं, परप्लेक्सिटी ने भारतीय यूज़र्स के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।
अरट्टई की चमक फीकी, रैंकिंग में बड़ी गिरावट
जोहो कंपनी का देसी मैसेजिंग ऐप अरट्टई, अक्टूबर की शुरुआत में गूगल प्ले स्टोर पर धमाकेदार शुरुआत के साथ नंबर 1 स्थान पर पहुंच गया था। 3 से 11 अक्टूबर तक यह सभी फ्री ऐप्स में टॉप पर रहा। लेकिन सेंसर टॉवर के नए आंकड़े बताते हैं कि यह चमक ज़्यादा दिन नहीं टिक पाई।
20 अक्टूबर को अरट्टई की रैंकिंग तेजी से गिरी और यह 47वें स्थान पर आ गया। अगले कुछ दिनों में इसकी गिरावट जारी रही 24 अक्टूबर को 75वें, 25 अक्टूबर को 78वें और 26 अक्टूबर को 80वें स्थान पर पहुंच गया। यह तेज़ गिरावट व्हाट्सऐप के लिए वरदान साबित हुई, जिसने उसी दौरान 20वें से लेकर 21वें स्थान तक अपनी स्थिति बेहतर कर ली।
भारतीय समर्थन के बावजूद क्यों पिछड़ा Arattai
Arattai को लॉन्च के शुरुआती दिनों में जबरदस्त समर्थन मिला था। कई कैबिनेट मंत्रियों से लेकर उद्योगपति आनंद महिंद्रा जैसी बड़ी हस्तियों ने इसे डाउनलोड कर “देसी ऐप” के रूप में सराहा था। अक्टूबर की शुरुआत तक इसके 75 लाख डाउनलोड्स पूरे हो चुके थे।
इसके बावजूद, डाउनलोड रैंकिंग में गिरावट ने यह साफ किया कि यूज़र्स ने लंबे समय तक Arattai पर टिके रहना पसंद नहीं किया। कारण साफ है – व्हाट्सऐप का मजबूत यूज़र बेस (40 करोड़ से अधिक सक्रिय यूज़र) और उसकी स्थापित भरोसेमंद सेवा, जिससे मुकाबला करना किसी भी नए ऐप के लिए आसान नहीं।
ऐपल स्टोर पर भी वही कहानी
गूगल प्ले स्टोर की तरह ऐपल ऐप स्टोर पर भी अरट्टई की कहानी कुछ ऐसी ही रही। 27 सितंबर से 7 अक्टूबर तक यह शीर्ष स्थान पर बना रहा, लेकिन 17 अक्टूबर तक गिरकर 21वें स्थान पर पहुंच गया। 25 अक्टूबर तक स्थिति और बिगड़ी और यह 58वें स्थान पर आ गया। दिलचस्प बात यह रही कि इन तारीखों में व्हाट्सऐप अरट्टई से पीछे रहा, यानी iPhone यूज़र्स के बीच भी अरट्टई को कुछ समय तक बढ़त मिली रही। लेकिन यह बढ़त स्थायी नहीं थी।
परप्लेक्सिटी-AI की दुनिया में नया आकर्षण
इस बीच, एक नया नाम भारतीय यूज़र्स के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है परप्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI)। अमेरिका में मुख्यालय वाले इस एआई आधारित सर्च इंजन को भारतीयों ने हाथों-हाथ लिया है।
27 सितंबर से अब तक यह गूगल प्ले स्टोर पर लगातार टॉप चार ऐप्स में बना हुआ है। 13 अक्टूबर से लगभग हर दिन यह फ्री ऐप्स की लिस्ट में शीर्ष स्थान पर दिखाई दिया है। इतना ही नहीं, इसकी लोकप्रियता ने एआई चैटबॉट ChatGPT को भी कुछ हद तक पीछे कर दिया है। हालांकि, ऐपल यूज़र्स के बीच स्थिति उलटी है। 26 अक्टूबर को ChatGPT ऐपल स्टोर पर 8वें स्थान पर रहा जबकि परप्लेक्सिटी 22वें स्थान पर सीमित रह गया।
परप्लेक्सिटी की तेजी का रहस्य
परप्लेक्सिटी का ग्रोथ आंकड़ा भी कम चौंकाने वाला नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल इसके 2.2 करोड़ से अधिक सक्रिय यूज़र्स हैं, और मध्य अक्टूबर तक 1.39 करोड़ बार यह ऐप डाउनलोड किया जा चुका है।
इसके साथ ही भारती एयरटेल के साथ साझेदारी ने इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है। एयरटेल के योग्य ग्राहकों को 12 महीने की परप्लेक्सिटी प्रो मेंबरशिप मुफ्त दी जा रही है, जिससे नए यूज़र्स तेजी से जुड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑफर भारत जैसे बड़े डिजिटल मार्केट में परप्लेक्सिटी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
मुकाबला मैसेजिंग और इनोवेशन का
एक तरफ Arattai जैसे देसी ऐप्स खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं व्हाट्सऐप अपनी पुरानी पकड़ बनाए हुए है। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है भारतीय यूज़र्स सिर्फ चैटिंग नहीं, बल्कि इनोवेटिव टेक्नोलॉजी की ओर झुकाव दिखा रहे हैं।
परप्लेक्सिटी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता इस बात का सबूत है कि अब भारतीय यूज़र केवल सुविधा ही नहीं, नई तकनीक और अनुभव की तलाश में हैं। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या देसी ऐप्स इस टेक रेस में खुद को फिर से चमका पाते हैं या AI के नए सितारे परप्लेक्सिटी जैसी कंपनियां भारतीयों की नई पसंद बन जाएंगी।