हीरा कारोबारी और भगोड़े अपराधी नीरव मोदी के खिलाफ चल रहे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मामले में एक बड़ी प्रगति हुई है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने हाल ही में नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मोदी की ₹66.33 करोड़ की जब्त संपत्तियां पंजाब नेशनल बैंक को सौंपने की अनुमति दे दी है। ये संपत्तियां प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जब्त की थीं। बैंक ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि इन संपत्तियों को बेचकर उसे हुए भारी नुकसान की आंशिक भरपाई की जा सकती है। कोर्ट ने यह आदेश 17 जून 2025 को पारित किया।
रिलीज की गई संपत्तियों में मुंबई के वर्ली स्थित नीरव मोदी के ‘समुद्र महल’ आवास से जब्त की गई ज्वेलरी, महंगी घड़ियां, सिक्के और नकदी शामिल हैं। जिनकी कीमत लगभग ₹40.83 करोड़ है। इसके अलावा, पूर्वी मोदी के नाम पर ₹19.50 करोड़ का एक फ्लैट और दूसरी चल संपत्तियां भी हैं। कोर्ट ने यह भी शर्त रखी कि पीएनबी को एक अंडरटेकिंग देनी होगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि, भविष्य में जरूरत पड़ने पर इन संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त राशि को फिर से वसूला जा सके।
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि उसे इन संपत्तियों को वापस देने पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते शर्तों का पालन हो। कोर्ट ने पीएनबी की याचिका मंजूर करते हुए आदेश दिया कि संपत्तियां बैंक को सौंपी जाएं। इससे बैंक को कुछ राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी द्वारा किए गए ₹13,500 करोड़ के घोटाले से बैंकों को अब तक भारी नुकसान हुआ है। पीएनबी समेत बैंकों के समूह ने ₹8,526 करोड़ के नुकसान की पुष्टि की है जबकि ED अब तक सिर्फ ₹2,324.97 करोड़ की संपत्तियां ही जब्त कर पाई है।
नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण से बचने की लगातार कोशिश करता रहा है। लेकिन 15 मई 2025 को यूके हाईकोर्ट ने उसकी 10वीं बार दायर की गई जमानत याचिका खारिज कर दी। CBI ने इस सुनवाई के दौरान लंदन पहुंचकर वहां की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के साथ मिलकर उसका विरोध किया। नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह जेल में है।
अब ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण को भी मंजूरी दे दी है। इससे नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि उसने 2022 में यूके सुप्रीम कोर्ट तक का रुख किया था लेकिन हर बार उसकी कोशिशें असफल रहीं। ईडी ने सोशल मीडिया पर यह भी स्पष्ट किया है कि नीरव मोदी शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग कर करोड़ों रुपये ब्रिटेन और अन्य देशों में भेज चुका है। इस फैसले से एक ओर जहां पीएनबी को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार के लिए नीरव मोदी को देश वापस लाकर उस पर मुकदमा चलाना अब पहले से कहीं ज्यादा संभव हो गया है।