भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में आम जनता के लिए तीन अहम घोषणाएं की हैं जो देश के ग्रामीण, दूर-दराज़ और छोटे निवेशकों के लिए राहत भरी साबित हो सकती हैं। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अगस्त की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन योजनाओं की जानकारी दी। उनका कहना है कि आरबीआई की ज़िम्मेदारी है कि देश के आखिरी व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचे। इस दिशा में जो तीन बड़े फैसले किए गए हैं, उनका असर करोड़ों लोगों पर पड़ेगा।
जनधन खातों की Re-KYC अब गांव में होगी
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत करोड़ों लोगों ने बीते वर्षों में बैंक खाता खुलवाया है। लेकिन अब इन खातों को फिर से अपडेट करने यानी री-केवाईसी (Re-KYC) की ज़रूरत है। अब तक ये प्रक्रिया केवल बैंक जाकर ही की जा सकती थी, लेकिन अब आरबीआई इसे गांव-गांव तक ले जा रहा है।
अगस्त से सितंबर 2025 के बीच पंचायत स्तर पर कैंप लगाए जाएंगे, जहां लोग अपने जनधन खाते की री-केवाईसी करवा सकेंगे। इसका मतलब है कि अब लोगों को बैंक की लंबी कतारों में लगने की ज़रूरत नहीं होगी। ये कैंप सिर्फ री-केवाईसी के लिए ही नहीं होंगे, बल्कि वहां नए खाते भी खोले जाएंगे, माइक्रोफाइनेंस लोन और पेंशन स्कीम्स की जानकारी दी जाएगी और ग्राहक अपनी बैंकिंग शिकायतें भी दर्ज करवा सकेंगे। इससे गांवों के लाखों लोगों को बैंकिंग सेवाएं उनके दरवाज़े पर मिलने लगेंगी।
खाताधारक की मृत्यु के बाद पैसे निकालना होगा आसान
अभी तक किसी खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों के लिए बैंक से पैसे या लॉकर की सामग्री हासिल करना एक मुश्किल काम होता था। हर बैंक के अपने अलग नियम होते हैं, जिनमें दस्तावेज़ों की लंबी सूची और प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इसका खामियाज़ा मृतक के परिजनों को भुगतना पड़ता है।
अब RBI इस पूरी प्रक्रिया को आसान और एक समान बनाने जा रहा है। सभी बैंकों में एक जैसा सिस्टम लागू होगा, जिसमें सीमित दस्तावेज़ों के साथ दावे निपटाए जाएंगे और तय समयसीमा के भीतर परिवार को बैंक खाते या लॉकर की सुविधा मिल सकेगी। इससे दुख की घड़ी में परिवार वालों को राहत मिलेगी और वे अलग-अलग नियमों में उलझने से बच सकेंगे।
छोटे निवेशकों के लिए सरकारी बॉन्ड में SIP की सुविधा
भारत में करोड़ों लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षित विकल्प और आसान तरीका नहीं मिलता। खासकर ग्रामीण या छोटे निवेशकों के लिए सरकारी बॉन्ड एक भरोसेमंद विकल्प है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अब तक थोड़ी जटिल रही है।
अब RBI ने घोषणा की है कि रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत लोग SIP (Systematic Investment Plan) के ज़रिए सरकारी बॉन्ड में नियमित निवेश कर सकेंगे। SIP का मतलब है कि हर महीने तय राशि अपने आप निवेश हो जाएगी। यह सुविधा अब ट्रेजरी बिल्स यानी अल्पकालिक सरकारी बॉन्ड के लिए भी उपलब्ध होगी। इस कदम से छोटे निवेशक भी अब सुरक्षित निवेश कर पाएंगे और उन्हें एक निवेश की आदत भी लग पाएगी। SIP जैसे तरीकों से लोगों को शेयर बाजार जैसी जोखिम वाली जगहों पर जाने की ज़रूरत नहीं होगी और वे धीरे-धीरे अच्छा रिटर्न भी पा सकेंगे।
हर वर्ग के लिए फायदेमंद कदम
RBI की ये तीन घोषणाएं दर्शाती हैं कि अब वित्तीय समावेशन को सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रखा जा रहा, बल्कि गांव, गरीब और छोटे निवेशक भी इस चक्र में लाए जा रहे हैं। चाहे जनधन खातों की री-केवाईसी की सुविधा हो, मृतक खाताधारकों के परिवारों को राहत देना हो या फिर छोटे निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में SIP से जोड़ना — ये सारे फैसले आम आदमी की ज़िंदगी को आसान बनाने की दिशा में एक अहम कदम हैं।
इन कदमों से न सिर्फ बैंकिंग और निवेश की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि लोगों का भरोसा भी सिस्टम पर मजबूत होगा। आने वाले समय में उम्मीद की जा सकती है कि और भी योजनाएं इसी तरह लोगों के हित में सामने आएंगी।