लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज होती दिख रही है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने दो बड़े कॉरपोरेट समूहों को 100-100 एकड़ जमीन आवंटित कर 3500 करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ कर दिया है। इन कंपनियों में शामिल हैं – आरपी संजीव गोयनका समूह (RPSG Group) और मिंडा इंडस्ट्रीज (Minda Industries)। दोनों की अलग-अलग परियोजनाएं न सिर्फ रोजगार पैदा करेंगी, बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखती हैं।
आरपी संजीव गोयनका समूह का सौर हब विस्तार
आरपी एसजी समूह ने अपनी मौजूदा सौर परियोजना का बड़ा विस्तार करने का प्रस्ताव रखा है। कंपनी ने इन्वेस्ट यूपी के पोर्टल ‘निवेश मित्र’ के माध्यम से 60 मेगावाट के कैप्टिव सोलर एनर्जी स्टोरेज (ESS) प्लांट और 3 गीगावाट सोलर सेल व एकीकृत सोलर इकोसिस्टम हब की स्थापना का प्रस्ताव दिया था।
यीडा ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए सेक्टर 8डी में 100 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना में करीब 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। खास बात यह है कि यहां टॉपकॉन और पेरोव्स्काइट-टेंडेम सेल जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल होगा, जिनकी एफिशिएंसी 28-30 फीसदी तक होगी। इससे बिजली उत्पादन की लागत 10-15 फीसदी तक कम हो सकती है। यह परियोजना रोजगार के लिहाज से भी बड़ी उम्मीदें जगाती है। अनुमान है कि इससे 1200 प्रत्यक्ष और 4 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मिंडा इंडस्ट्रीज का दूसरा बड़ा प्लांट
ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी मिंडा कॉर्पोरेशन लिमिटेड को भी यीडा से 100 एकड़ जमीन का आवंटन मिला है। यह मिंडा का यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दूसरा प्लांट होगा। कंपनी यहां वायरिंग हार्नेस, क्लस्टर, सेंसर्स और कनेक्टर्स जैसे जरूरी ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स का उत्पादन करेगी। इस प्लांट में मिंडा समूह 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और अनुमान है कि करीब 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कदम से उत्तर प्रदेश ऑटोमोबाइल पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग का एक अहम केंद्र बन सकता है।
यीडा क्षेत्र में बढ़ते औद्योगिक अवसर
यमुना प्राधिकरण का इलाका पहले से ही बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स का गवाह रहा है। यहां जेवर एयरपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसी कई परियोजनाएं पहले से चल रही हैं। अब आरपी एसजी और मिंडा जैसे समूहों की एंट्री से यह इलाका निवेश और उद्योगों का नया हब बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि इस साल के अंत तक जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट के चालू होते ही यहां कनेक्टिविटी और कारोबारी गतिविधियों में कई गुना वृद्धि होगी, जिसका सीधा फायदा निवेशकों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
यूपी के विकास मॉडल को मजबूती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बीते वर्षों में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। निवेश मित्र पोर्टल जैसी पहल से प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। यही कारण है कि बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउस अब यूपी में निवेश को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं। आरपी एसजी और मिंडा जैसी कंपनियों का आना न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार देगा बल्कि यह संदेश भी देगा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य की छवि से निकलकर उद्योग और निवेश का केंद्र बन रहा है।
क्या होगा भविष्य?
यीडा में 3500 करोड़ रुपये का यह निवेश उत्तर प्रदेश के औद्योगिक भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। एक ओर जहां सौर ऊर्जा परियोजना हरित ऊर्जा और टिकाऊ विकास को गति देगी, वहीं ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स का नया प्लांट यूपी को ऑटो इंडस्ट्री के नक्शे पर और मजबूत करेगा। साफ है कि आने वाले वर्षों में NCR का यह इलाका देश की अर्थव्यवस्था का “ग्रॉथ इंजन” बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।