नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में देश के विकास से जुड़े 6 अहम फैसले लिए गए। इनमें से 4 फैसले रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं, जबकि बाकी 2 फैसले किसानों और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। इन फैसलों से एक ओर जहां देश की रेल परिवहन क्षमता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर कृषि और सहकारी क्षेत्रों को नई रफ्तार मिलेगी।
चार नए रेल प्रोजेक्ट, 574 किमी का विस्तार
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड में चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में कुल करीब 11,169 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें शामिल हैं—
इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन,
छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद)-परभणी दोहरीकरण,
आलूआबाड़ी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन,
डांगोआपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन।
इन योजनाओं से भारतीय रेलवे नेटवर्क में करीब 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी और यह काम 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इससे रेलवे की माल ढुलाई क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाई ऐश, जिप्सम, पेट्रोलियम उत्पाद और कृषि उपज जैसे माल का परिवहन तेज और आसान होगा। इससे रेलवे हर साल करीब 95.91 मिलियन टन (MTPA) अतिरिक्त माल ढो पाएगी।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना को मिली करोड़ों की सौगात
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को भी और अधिक मजबूती दी गई है। इसके तहत 6,520 करोड़ रुपये की नई स्वीकृति मिली है, जिसमें 1,920 करोड़ रुपये अतिरिक्त हैं। यह राशि 2021-22 से 2025-26 के बीच खर्च की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत दो बड़े कदम उठाए जाएंगे:
- 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिसमें 1 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- 100 फूड टेस्टिंग लैब्स (FTLs) बनाए जाएंगे जिन्हें NABL से मान्यता मिलेगी। इस कार्य पर 920 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन प्रयासों से फूड सेफ्टी, क्वालिटी कंट्रोल और कृषि उत्पादों के वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिलेगा।
सहकारी समितियों को मिलेगा NCDC से आर्थिक सहारा
सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के तहत एक नई योजना को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत 2025-26 से 2028-29 तक 2 हजार करोड़ रुपये की सरकारी सहायता दी जाएगी। यह योजना सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई है। सरकार हर साल 500 करोड़ रुपये देगी, जिससे NCDC खुले बाजार से कुल 20 हजार करोड़ रुपये जुटा सकेगा।
यह राशि सहकारी समितियों को लोन के रूप में दी जाएगी ताकि वे नई परियोजनाएं शुरू कर सकें, पुरानी इकाइयों का विस्तार कर सकें और अपने काम के लिए जरूरी वर्किंग कैपिटल प्राप्त कर सकें। इस योजना से देशभर में फैली करीब 13,288 सहकारी समितियों और 2.9 करोड़ सदस्यों को सीधा लाभ मिलेगा। ये समितियां डेयरी, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, महिला सहकारिता जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
विकास की नई दिशा में कदम
केंद्र सरकार के इन 6 बड़े फैसलों से साफ है कि देश का फोकस अब इन्फ्रास्ट्रक्चर और कृषि सुधारों पर है। रेलवे नेटवर्क का विस्तार जहां परिवहन और उद्योगों को नई रफ्तार देगा, वहीं PMKSY और NCDC के फैसले किसानों, खाद्य उद्योग और सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रोत्साहित करेंगे। ये निर्णय ग्रामीण भारत से लेकर उद्योगिक हब तक, हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।