प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बड़े जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त जारी की। इस मौके पर देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में सीधे ₹20,500 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई। अब तक इस योजना के तहत कुल ₹3.90 लाख करोड़ से ज्यादा की सहायता किसानों को दी जा चुकी है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह योजना सिर्फ पैसे देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों के आत्मसम्मान और स्थायी सशक्तिकरण का माध्यम है।
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र और ‘बेटियों के सिंदूर’ की बात
सभा के दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में सफल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान बाबा महादेव को समर्पित है। उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद वह बेहद आहत थे और काशी विश्वनाथ से देश को शक्ति देने की प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि “हमारी बेटियों के सिंदूर का बदला लिया गया है और दुनिया ने भारत की ताकत को देखा।” इस दौरान पीएम ने आत्मनिर्भर भारत के तहत बने ब्रह्मोस मिसाइलों, ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम का उल्लेख करते हुए बताया कि लखनऊ में ब्रह्मोस का निर्माण होगा और यूपी डिफेंस कॉरिडोर में कई रक्षा कंपनियां निवेश कर रही हैं।
₹2200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन
वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग ₹2,200 करोड़ की लागत वाली 100 से ज्यादा विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, शहरी विकास और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हुई हैं। इनका उद्देश्य वाराणसी के समग्र विकास को नई दिशा देना है।
सड़क और परिवहन को नई गति
प्रधानमंत्री ने वाराणसी की सड़कों को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें वाराणसी-भदोही और छितौनी-शूल टंकेश्वर सड़क के चौड़ीकरण के साथ-साथ हरदत्तपुर में रेलवे ओवरब्रिज का उद्घाटन शामिल है, जिससे मोहन सराय-अदलपुरा रोड पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। इसके अलावा, कई ग्रामीण व शहरी मार्गों जैसे बबतपुर, गंगापुर, दलमंडी आदि के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का भी शिलान्यास किया गया।
शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली के क्षेत्र में निवेश
शिक्षा के क्षेत्र में 53 स्कूलों के उन्नयन और एक नई जिला पुस्तकालय के निर्माण का कार्य शुरू हुआ। वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र में महामना कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी और आधुनिक सीटी स्कैन मशीनों का उद्घाटन किया गया। एक नए होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल की भी आधारशिला रखी गई।
बिजली के क्षेत्र में स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के तहत ₹880 करोड़ की लागत से बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड करने का काम शुरू हुआ। इससे शहर की बिजली आपूर्ति और सौंदर्य दोनों बेहतर होंगे।
सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को नया रूप
वाराणसी की सांस्कृतिक आत्मा को संरक्षित रखने के लिए भी कई योजनाएं सामने आईं। आठ कच्चे घाटों का पुनर्विकास, कालिका धाम और दुर्गाकुंड का सौंदर्यीकरण, रंगीलदास कुटीर और शिवपुर तालाबों के कायाकल्प जैसे कार्यों की शुरुआत हुई। मुंशी प्रेमचंद के पैतृक घर को संग्रहालय के रूप में विकसित करने की योजना का शिलान्यास भी हुआ। इसके साथ ही, सरनाथ, रामनगर और ऋषि मांडवी क्षेत्रों में सिटी सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है।
पर्यावरण और जल संरक्षण की पहल
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कंचनपुर में शहरी मियावाकी वन और 21 अन्य पार्कों के सौंदर्यीकरण की नींव रखी। जल संरक्षण के तहत रामकुंड, मंदाकिनी और शंकुलधारा कुंडों के जल शुद्धिकरण कार्यों की शुरुआत की गई। साथ ही चार फ्लोटिंग पूजन मंचों का भी शिलान्यास किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत 47 पेयजल परियोजनाओं का उद्घाटन भी हुआ।
खेल, कानून व्यवस्था और समाज कल्याण
खेल और सुरक्षा के क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में सिंथेटिक हॉकी टर्फ का उद्घाटन हुआ, जबकि रामनगर में पीएसी के लिए 300 लोगों की क्षमता वाला बहुउद्देशीय हॉल भी बनाया गया। काशी संसद प्रतियोगिता के तहत स्केचिंग, फोटोग्राफी और ज्ञान आधारित कार्यक्रमों के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया। समाज कल्याण के तहत 7,400 से अधिक दिव्यांगजन और बुजुर्गों को सहायता उपकरण वितरित किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें देश की सुरक्षा, किसानों का सम्मान, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और आम जन के जीवन को बेहतर बनाने की एक समग्र सोच भी झलकती है। वाराणसी को केंद्र में रखकर जो मॉडल तैयार किया जा रहा है, वह आने वाले समय में देश के अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।