भारत और फिलीपींस के बीच 75 साल पुराने राजनयिक संबंधों को एक नई दिशा देने के लिए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत के राजकीय दौरे हैं। यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है और इस मौके पर उनके साथ प्रथम महिला लुईस अरानेटा मार्कोस, कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारिक प्रतिनिधियों का एक बड़ा दल भी आया।
भारत में हुआ भव्य स्वागत, गहराए दोस्ती के रंग
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति मार्कोस और उनके शिष्टमंडल (delegation) का गरमजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच सांस्कृतिक संबंधों की जड़ें बहुत गहरी और प्राचीन हैं। उन्होंने खास तौर पर “महाराडिया लवाना” (फिलीपींस में रामायण का एक स्थानीय संस्करण) का ज़िक्र करते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। हाल ही में जारी दोनों देशों के राष्ट्रीय पुष्पों वाले डाक टिकट को भी दोस्ती की पहचान बताया गया, जो इस ऐतिहासिक मौके को और भी खास बनाता है।
रणनीतिक साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने और उसे जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए व्यापक एक्शन प्लान पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। इसे और बढ़ाने के लिए अब ASEAN फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की समीक्षा और एक द्विपक्षीय प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (PTA) की दिशा में काम होगा।

व्यापार, विज्ञान और तकनीक में सहयोग
दोनों देशों की कंपनियां अब स्वास्थ्य, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, इन्फ्रास्ट्रक्चर और मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रही हैं। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी खास पहल हुई है – जैसे कि वायरोलॉजी, AI और मैन्युफैक्चरिंग में संयुक्त अनुसंधान। वाराणसी स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट का रीजनल सेंटर अब ऐसे चावल पर काम कर रहा है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम है, जो मधुमेह जैसे रोगों के लिए लाभकारी हो सकता है।
डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग को मिलेगा बढ़ावा
राष्ट्रपति मार्कोस की यात्रा के दौरान यह भी तय किया गया कि भारत, फिलीपींस में Quick Impact Projects और Sovereign Data Cloud Infrastructure के विकास में सहयोग देगा। इससे फिलीपींस की डिजिटल संरचना को मजबूती मिलेगी और दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग और मजबूत होगा।
रक्षा और समुद्री सहयोग में विश्वास की नई गहराई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा सहयोग, संयुक्त नौसेना अभ्यास, समुद्री सुरक्षा, और आपदा राहत जैसे विषयों में आपसी भरोसा और मजबूती आई है। भारत की हाइड्रोग्राफी शिप फिलीपींस के नौसैन्य अभ्यासों में शामिल हुई है। इसके साथ ही, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए फिलीपींस की सराहना भी की।
पर्यटन और कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत और फिलीपींस के बीच वीज़ा फ्री एंट्री, फ्री ई-वीज़ा सुविधा और दिल्ली-मनीला के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने की दिशा में भी सहमति बनी है। इससे लोगों के बीच सीधा संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान और बेहतर होगा।
इंडो-पैसिफिक में साझेदारी का महत्व
दोनों नेताओं ने यह भी माना कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत-फिलीपींस साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने आसियान (ASEAN) की आगामी अध्यक्षता के लिए फिलीपींस को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
भविष्य की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को “मित्रता और नियति की साझेदारी” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ अतीत का सम्मान नहीं, बल्कि भविष्य का वादा भी है। राष्ट्रपति मार्कोस की भारत यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत और फिलीपींस अब सिर्फ व्यापारिक या कूटनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, रणनीतिक और तकनीकी साझेदार भी बन चुके हैं। इस यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई दी है, जो आने वाले वर्षों में और भी फलदायी साबित होगी।